बोधकथा और प्रेरक प्रसंग
हमारे धर्म शास्त्रों और वेदों में ऋषि-मुनियों द्वारा मनुष्य की जीवन शैली के अनेक प्रेरक प्रसंग और बोधकथा तथा गूढ़ ज्ञान वेदों और शास्त्रों में लिखे गए हैं। यह रोचक ही नहीं बल्कि मनुष्य के जीवन में गहरी छाप छोड़ते हैं तथा जीवन शैली को खुशहाल बनाते हैं इन कथाओं में रोचकता, मनोरंजन, कुतूहल, शिक्षा, हश्य, चेतावनी, प्रेरणा आदि का समावेश रहता है। बालक, किशोर इन कथाओं के प्रति विशेष आकर्षण होता है तथा इससे उनके कोमल और भावुक मन पर गहरी छाप पड़ती है। बड़ी आयु वर्ग के लोगों को किसी गंभीर बात का दृष्टांत बोध कथाओं के साथ समझाया जाए तो ना केवल उन्हें लाभ होता है अपितु आनंद भी आता है जैसे रत्नाकर नाम के दस्यु ने अपना भरण पोषण करने के लिए डाका डालने तथा राहगीरों को लूटने का कार्य करता था जब उसको देव ऋषि नारद जी ने पाप कर्म का बोध कराया तो उसने दस्यु प्रवृत्ति छोड़ कर राम नाम का आशीर्वाद लिया। और बाद में वह बाल्मीकि महर्षि के नाम से प्रसिद्ध हुए और उन्होंने आदिकाल रामायण की रचना की।
यहाँ बोधकथा और प्रेरक प्रसंग दोनों की परिभाषा है।
1. बोधकथा :- बोधकथा में जीवन की एक झलक मात्र है। बोधकथा केवल इतनी बड़ी हो सकती है की एक बैठक में समाप्त हो जाए। बोधकथा में पात्रों की संख्या कम होती है और उनके चरित्र किसी एक पहलू पर ही कहानी का प्रकाश डाल पाता है। बोधकथा में छोटे और पूर्ण संवाद होते है। इसलिए बोधकथा का प्रभाव अधिक होता है वह हमारी रागात्मक वृतियों को प्रभावित करने में समर्थ होती है। बोधकथा में संक्षिप्त का संज्ञानात्मकता का महत्व रहता है। इसलिए यह अत्यंत तीव्र गति से अपने लक्ष्य पर पहुंचती है। बोधकथा यानी कथा से जुड़ी कुछ और बातें:
* बोधकथा, किसी अनुभव या घटना को बताने का एक तरीका है।
* बोधकथा में घटनाओं का क्रम बताया जाता है।
* बोधकथा में शुरुआत, मध्य, और अंत होता है।
* बोधकथा में पात्रों का चरित्र-चित्रण होता है।
* बोधकथा शिक्षाप्रद होती है।
* बोधकथा काल्पनिक या वास्तविक हो सकती है।
2. प्रेरक प्रसंग :- प्रेरक प्रसंग किसी घटना का किसी सन्दर्भ में उल्लेख है। यानी, सन्दर्भ का अर्थ है प्रसंग, उसमें कौन सा विचार, भाव या घटना का वर्णन है, इसकी जानकारी देना ही प्रेरक प्रसंग कहलाता है। प्रेरक प्रसंग जीवन में घटित हुई एक घटना। जैसे रामायण पूरी कहानी है जिसमें संपूर्ण जीवन चरित्र है राम का वहीं भरत मिलाप या धनुष भंग या पंचवटी की घटना तो यह केवल प्रसंग होगा। प्रेरक प्रसंग से जुड़ी कुछ और बातें:
* प्रेरक प्रसंग, किसी विषय को समझाने के लिए उसकी सूक्ष्म व्याख्या होती है।
* प्रेरक प्रसंग, किसी पुस्तक में दिए गए किसी के कथन का सन्दर्भ होता है।
* प्रेरक प्रसंग में किसी विषय की सूक्ष्म व्याख्या की जाती है।
* प्रेरक प्रसंग, वास्तविक होती है।
बोध कथा की महता की अनादि काल से स्थापित है । प्राचीन काल में विद्यार्थी श्रद्धा भक्ति से युक्त गुरुकुल आश्रम में रहते थे और गुरु मुख से ज्ञान और विद्या को अर्जित करते थे। गुरु जन गुड़ विषयों के ज्ञान को बौद्ध दायक व अनुभवों को बोध कथाओं के माध्यम से समझाते थे। पुराने समय से अनेक विद्वानों द्वारा रचित बोध कथाओं के ग्रंथ पाए जाते हैं। श्री विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र, कश्मीर के पंडित सोमदेव कृत कथा सरित सागर, श्री नारायण पंडित द्वारा रचित हितोपदेश, सिहासन बत्तीसी के नाम से तथा बेताल पच्चीसी आदि प्रमुख ग्रंथ है व्यवहार नीति का बोध कराने वाली कथाओं के प्रमुख पंचतंत्र के अनुसार की तरह बना लोकप्रिय ग्रंथ हितोपदेश है। जैसे पाटलिपुत्र नगर में सुदर्शन नाम राम का राजा था उसके पुत्र अहंकारी और अविवेकी भी थे अर्थात महामूर्ख थे। राजा अपने पुत्रों को विद्वान और समझदार बनाना चाहता था। राजकुमारों को कोई भी शिक्षक व्यवहार–नीति का बोध ना कर सका, उनको श्री विष्णु शर्मा ने बोध कथाओं के माध्यम से मात्र छ मह मे सहज ही सुमार्ग पर लाकर नीति-विशारद बना दिया, राजा बहुत प्रसन्न हुआ। वर्तमान में ऐसी बोध कथाओं के तात्पर्य को अपने जीवन में आचरण करने से समाज में प्रेम और अहिंसा का परिवेश बन सकता है। इस प्रकार अनेक दृष्टि से इन बोध कथाओं का बड़ा ही महत्व है।
भारत प्राचीन काल से महापुरुषों, योद्धाओं, ऋषि-मुनियों, समाज सुधारकों तथा सतकर्म को चरितार्थ करने वाले श्रेष्ठ व्यक्तियों का देश रहा है। ऐसे महापुरुषों को विशेष पर्वो एवं उत्सवों के माध्यम से स्मरण करना, यह हमारे देश की एक विशिष्ट परंपरा रही है। उनके अनुकरणीय जीवन पर आधारित विभिन्न मानवीय मूल्यों यथा देश-प्रेम, उदारता, तप, सदाचार, कर्तव्यपरायणता आदि गुणों को साहित्य के रूप में प्रस्तुत करने में सुरुचि प्रकाशन सदैव प्रयासरत रहा है। इसी क्रम में हमने “बोधकथा और प्रेरक प्रसंग" के अंतर्गत जन समाज, विशेषकर युवावर्ग को संस्कारयुक्त बनाने हेतु निरंतर शिक्षाप्रद तथा प्रेरणादायक प्रसंगों व कथा-कहानियों का समावेश किया जाएगा। सुधी पाठक इसे उपयोगी एवं सारगर्भित पायेंगे, ऐसा विश्वास है।
document.write(base64decode('encoded string containing entire HTML document'));