बैठे खेल

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RSS Baithe Khel

जमीन- आकाश-पानी :

सब स्वयंसेवक मंड़लाकार बैठे हुए। एक स्वयंसेवक केन्द्र में खड़ा रहेगा। उसके पास रूमाल रहेगा । संकेत मिलते ही वह "जमीन', "आकाश 'पानी' इनमें से कोई भी एक शब्द जोर से कहेगा और तुरन्त किसी के तरफ रूमाल फेंकेगा। जिसके शरीर पर रूमाल गिरेगा उसे 10 तक गिनती पूरी होने के पहले जो शब्द कहा गया है उससे सम्बन्धित किसी प्राणी, पंछी या पानी में विचरण करने वाले जलचर का नाम लेना होगा। जैसे "जमीन' कहने पर आदमी, गाय, आदि या "आकाश' कहने पर कौआ, कबुतर या 'पानी' कहने पर मछली, मगरमच्छ आदि ) तक अंको की गिनती केन्द्र में खड़ा स्वयंसेवक रूमाल फेंकते ही शुरू करेगा। गलती करने पर या न बताने पर वह स्वयंसेवक बाद होगा।


'हाँ' या 'ना' :

सब मंडलाकार बैठे हुए। एक स्वयंसेवक बीच में खड़ा होकर एक एक स्वयंसेवक को कोई भी प्रश्न पूछेगा। जिस प्रश्न पूछा गया है उसने तुरन्त उत्तर देना है। लेकिन उत्तर देते समय सावधान रहना चाहिए कि प्रश्न का उत्तर हाँ, या 'ना' में नहीं देना है। 'हाँ' या 'ना' उत्तर देने वाला बाद होगा। प्रश्नकर्ताने चालाकी से प्रश्न पूछ चाहिए कि जिसका उत्तर 'हाँ' या 'ना' होगा।


नेता पहचानो :

सब स्वयंसेवक मंडलकार बैठे हुए। एक स्वयंसेवक मंडल से दूर जाएगा। शिक्षक किसी एक स्वयंसेवक की ओर इशारा कर उसे 'नेता' निश्चित करेगा। सब लोग तालियाँ बजाएंगे। दूर गया हुआ स्वयंसेवक वापिस आकर नेता को ढूँढेगा। सब लोग नेता के संकेत पर कृति करेंगे। जैसे नेता कान पकड़ेगा तो सब कान पकड़ेंगे, सर हिलाएगा तो सर हिलायेंगे आदि। नेता पहचानने के लिए अधिकतम 3 मौके मिलेंगे। वह सफल हुआ तो 'नेता' मंडल से दूर जाएगा। असफल हुआ तो दस दंड़ बैठकें मारेगा।


दस प्रश्न :

सब मंडलाकार बैठे हुए। एक स्वयंसेवक मंडल से दूर जाएगा। शिक्षक ब किसी वस्तू, वनस्पती, व्यक्ति या फल का नाम बतायेगा। बाद में संकेत पाकर दूर गया हुआ स्वयंसेवक मंडल में आएगा और निश्चित किया शब्द पहचानने के लिए हरेक को एक-एक प्रश्न पूछेगा । अधिकतम दस प्रश्न पूछकर उसे उत्तर ढूँढना है। सफल होने पर विजयी । असफल होने पर 10 दंड बैठके मारनी होगी।


स्मरणशक्ति - 1:

सब मंडलाकार बैठे हुए। एक स्वयंसेवक किसी बड़े महापुरूष का नाम बताएगा। उसके बाजू वाला पहले महापुरूष का तथा स्वयं द्वारा और एक महापुरूष का नाम बताएगा। इस प्रकार प्रत्येक स्वयंसेवक अपना महापुरूष बताने के पहले जतिने नाम आए है वे नाम क्रमवार बताएगा। गलती करने वाला बाद होगा ।


स्मरणशक्ति – 2 (डाकिया) :

सब मंडलाकार बैठे हुए। एक स्वयंसेवक (डाकिया) मध्य में खड़ा। मंडल में बैठे हुए सभी एक-एक गांव का नाम बतायेंगे। शिक्षक मध्य में खड़े स्वयंसेवक को किसी एक गांव को पहचानने के लिए कहेगा। ठीक पहचानने पर डाकिया गांव वाले स्वयंसेवक के पीठ पर ठप्प लगावेगा। गलती करने पर उसके पीठ पर ठप्पा मिलेगा। अधिकतम 3 मौके मिलेंगे। सही पहचानने पर डाकिया उस गांव का नाम धारण करेगा और गांव वाला डाकिया बनेगा ।


खायेंगे :

सब मंडलाकार बैठे हुए। शिक्षक एक एक वस्तू का नाम जल्दी-जल्दी लेगा। वस्तू खाने लायक है तो सभी खाएंगे (कृतिसहीत) कहेंगे। खाने लायक नहीं है तो चूप रहेंगे। गलती करने वाला बाद होगा ।


वृत् अंक :

सब मंडलाकार बैठे हुए। मध्य में एक मीटर त्रिज्या का एक वृत् खींचकर उसके दस हिस्से बनाना। प्रत्येक भाग में एक अंक लिखना (0 से 9 तक)। शिक्षक एक एक स्वयंसेवक के आँख पर पट्टी बांध कर उसके हाथ में दंड देगा और उसे दंड का सीरा किसी एक भाग पर रखने के लिए कहेगा। वह जिस भाग पर दंड रखेगा, उतने अंक उसे मिलेंगे। दंड वृत् के बाहर रहने पर अंक नहीं मिलेगा ।


रूमाल फेंक :

दल आमने-सामने समतल स्थिति में बैठेंगे। प्रत्येक स्वयंसेवक अपने सामने वाले स्वयंसेवक के पैरों के तलुवें को अपने तलुवें लगाकर बैठेगा। एक स्वयंसेवक प्रथम जोडी के पास खड़ा रहेगा। बैठे हुए किसी एक स्वयंसेवक के पास रूमाल रहेगा। संकेत मिलते ही वह रूमाल सामने की पंक्ति में बैठे किसी भी स्वयंसेवक के पास फेंकेगा। खड़ा हुआ स्वयंसेवक पैरों के ऊपर से दौड़ता हुआ रूमालधारी को छूने का प्रयत्न करेगा। सफल होने पर रूमाल धारी बाद होकर छूने वाला बनेगा ।


पंछी भुर्रर :

सभी मंडलाकार बैठे हुए। शिक्षक पशु-पंछीओं के नाम जल्दी जल्दी लेगा। पंछी का नाम आते ही स्वयंसेवक 'भुर्र' कहेंगे। पशु के नाम पर जो भुर्रर कहेगा वह बाद । शिक्षक ने नाम लेते समय पंछी के उड़ने की कृति करने से रोचकता और बढ़ेगी।


संदेश वहन : 

सभी स्वयंसेवक मंडलाकार बैठे हुए। शिक्षक किसी एक स्वंयसेवक के कान में ६ शब्दों का एक वाक्य बोलेगा। वह स्वंयसेवक अपने बाएं बाजू वाले स्वंयसेवक को वह वाक्य बताएगा। इस पध्दति से अंत के स्वंयसेवक तक संदेश वहन होगा। आखिर का स्वंयसेवक संदेश जोर से कहेगा। मूल वाक्य किस प्रकार बदलता है यह समझाना ।


विपरीत अंक बोलना :

सभी स्वंयसेवक मंडलाकार बैठेंगे। सौ से एक तक उल्टे अंक गिनना, गलती करने वाला बाद होगा।


संघ प्रश्नोत्तरी :

सब स्वंयसेवक दो तति में एक दूसरे के सामने बैठेंगे। एक स्वंयसेवक संघ विषयक प्रश्न पूछेगा। दूसरे गट के पहले स्वंयसेवक ने उत्तर देना। गलत उत्तर दे वह बाद होगा।


राम-कृष्ण :

सभी स्वंयसेवक मंडलाकार बैठे हुए। एक से सौ तक संख्या क्रमशः बोलना। तीन से भाज्य अंक के स्थान पर राम और पांच से भाज्य अंक के स्थान पर "कृष्ण" बोलना और तीन तथा पांच से भाज्य जाने वाले अंक के स्थान पर "राम कृष्ण" बोलना। गलती करने वाला बाद।


वेधा शब्द: 

सभी स्वंयसेवक मंडलाकार बैठे हुए। एक स्वंयसेवक मंडल से दूर जाएगा। शेष स्वयंसेवक एक शब्द निश्चित करेंगे। पहला संकेत मिलते ही दूर गया स्वयंसेवक मंडल में आएगा। दूसरा संकेत मिलते ही सब स्वंयसेवक चिल्लाकर वह शब्द बोलेंगे। वह शब्द मंडल में खड़े स्वयंसेवक ने बताना है। गलत बताने पर पाच बार दंड लगायेगा। दूसरा स्वयंसेवक बाहर जाएगा ।


विपरीत संख्या :

सभी मंडलाकार बैठे हुए। एक स्वंयसेवक प्रत्येक के पास जाकर कोई भी दो अंको वाली संख्या बोलेगा। सामने वाले ने तुरंत उसकी विपरीत संख्या (अंको की अदलाबदल कर आनेवाली) बोलना। गलत बताने वाला या अधिक समय लेने वाला बाद होगा।


दुकानदार :

सभी मंडलाकार बैठे हुए। सबको एक एक दुकान का नाम (जैसे किराणा, कपडा, खिलौने आदि) बताना है। शिक्षक किसी एक स्वंयसेवक को कोई एक दुकानदार के पास कोई एक वस्तु लाने के लिए कहेगा। ठीक दुकानदार के पास जाने पर वह दुकानदार मध्य में आकर खेल शुरू रखेगा। गलती करने वाले को सामान्य जसा देना।


मौन अभिनय :

सब स्वंयसेवक मंडलाकार बैठेंगे। एक स्वंयसेवक मध्य में खड़ा रहेगा। शिक्षक उसके कान में किसी प्रसिध्द व्यक्ति, स्थान, गीत की पंक्ति आदि बताएगा। पश्चात वह स्वंयसेवक संबंधित शब्दानुरूप मूक अभिनय करेगा। उसके अभिनय के पश्चात शिक्षक एक - एक स्वयंसेवक को प्रश्न पूछेगा। सही उत्तर देने वाले को बीच में आकर दूसरे प्रश्न के लिए अभिनय करना होगा। गलती करने वाले को सामान्य जसा देना।


इतिहास परिचय :

सभी मंडलाकार बैठे हुए। शिक्षक देश-विदेश के किसी भी एक इतिहास प्रसिध्द स्थान का नाम बताएगा। बाद में एक-एक स्वयंसेवक को उससे संबंधित प्रश्न पूछेगा। जैसे- "यह स्थान किस प्रांत / देश में है?" "वहाँ कौनसी ऐतिहासिक घटना हुई ?' आदि। सही उत्तर देनेवालों को अंक मिलेंगे। अधिक अंक मिलाने वाला सर्वोत्तम होगा।


वाक्य विन्यास :

सब मंडलाकार बैठे हुए। शिक्षक किसी एक स्वंयसेवक को वाक्य का प्रारंभ कराने के लिए कहेगा। वह स्वयंसेवक वाक्य का प्रथम शब्द कहेगा। उसके बाजू वाला उस शब्द को ध्यान में रखकर दूसरा शब्द कहेगा। इस प्रकार हरेक स्वयंसेवक वाक्य में अपना-अपना शब्द मिलाते ज एंगे। ध्यान रखना होगा कि तैयार होने वाला वाक्य अर्थपूर्ण हो अपने शब्द द्वारा वाक्य पूरा हो। जिसके शब्द से वाक्य पूरा होगा, वह बाद होगा।



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