चर्चा बिंदू - जिले पर करणीय कार्य

चर्चा बिंदू - जिले पर करणीय कार्य

Charcha Bindu - Karniya Karya

"करणीय कार्य" का अर्थ है "करने योग्य कार्य" या "जो किया जाना चाहिए"। यह उन कार्यों को संदर्भित करता है जो किसी व्यक्ति या समूह द्वारा किए जाने चाहिए, आमतौर पर किसी विशिष्ट उद्देश्य या जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए। "करणीय कार्य" उन कार्यों को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति या समूह के लिए आवश्यक या अपेक्षित होते हैं।

जिले पर करणीय कार्य

  1. योजना एवं क्रियान्वयन की प्रमुख इकाई जिला कार्यकारिणी है, इसलिए सम्पूर्ण जिले की वार्षिक योजना बनाना व सभी कार्यकर्ताओं को सक्रीय करवा लेना जिला इकाई का प्रमुख कार्य है।
  2. प्रत्येक कार्य विभाग व गतिविधियों की सक्षम टोली बनाना व वार्षिक योजना करना।
  3. शाखा विस्तार व अल्पकालीन विस्तारक योजना का क्रियान्वयन।
  4. भविष्यकालीन कार्यकर्ताओं की सूची व विकास की योजना।
  5. शाखा टोली प्रशिक्षण की योजना।
  6. प्राथमिक वर्गों की पर्याप्त समय पूर्व योजना।
  7. शाखा दर्शन की योजना वर्ष में 1-2 बार।
  8. आयु अनुसार कार्यक्रम (शाखा, बैठक, एकत्रीकरण, अभ्यास वर्ग, प्रशिक्षण वर्ग, उत्सव, शाखा पुस्तिका आदि)।
  9. शाखा व नगर हेतु  वार्षिक योजना बैठक के बिंदु।
  10. कार्यक्रमों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान।
  11. ज्येष्ठ कार्यकर्ताओं का वर्ष में एक दो बार मिलन।
  12. विभिन्न प्रकार की सूची व वृत्त का संकलन तथा प्रबंधन।
  13. संघ परिचय वर्गों की श्रेणी अनुसार योजना (कार्यविभाग, JOIN RSSआदि )।
  14. संघ कार्य के नए आयामों की खोज (Explore) करना (Young Professionals, Apartments, श्रमजीवी वर्ग)।
  15. दो इकाई नीचे तक के कार्य कर्ताओं की संभाल की योजना।
  16. जिला व नगर का सामाजिक अध्ययन करना।
  17. कॉलेज विद्यार्थी शाखाओं द्वारा प्रत्येक बस्ती का सामाजिक अध्ययन करवाना।
  18. जिले का वैशिष्ट्य ध्यान में रखते हुए विशेष वार्षिक योजना करना।
  19. जिला व नगर की बैठकों का नियमित क्रम तय करवाना।
  20. जिला कार्यकारिणी के प्रवास की समग्र रचना बनवाना।
  21. बाल कार्य की वार्षिक योजना करना।
  22. जिले का शारीरिक प्रधान कार्यक्रम।
  23. 35 वर्ष से कम आयु के द्वितीय व तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवकों का विशेष अभ्यास।

जिला कॉलेज विद्यार्थी करणीय कार्य

  1. सभी बस्तियाँ शाखा युक्त करना।
  2. नगरों पर साप्ताहिक बैठक।
  3. प्रत्येक मंडल में कॉलेज विद्यार्थी शाखा।
  4. बस्ती प्रमुख तय करना, व न्यूनतम 30 की सूची बनवाना।
  5. द्विमासिक बस्ती प्रमुखों की बैठक, जिले पर।
  6. सभी शाखाओं पर वार्षिकोत्सव व उपक्रम।
  7. सभी प्रकार के कॉलेजों को सूचीबद्ध करना, वहां मिलन प्रमुख तय करने, व कैम्पस कार्य बढ़ाना।
  8. समाज को जोड़ने व समाज से जुड़ने वाले कार्यों की आवृत्ति के सहयोग से, वार्षिक पंचांग अनुसार।
  9. समाज के अन्य अन्य क्षेत्र के प्रभावी युवाओं में संपर्क व कार्य ।
  10. Cluster Working एवं Campus Working सुदृढ़ करना ।
  11. कॉलेज विद्यार्थी कार्य Mapping कार्य ।
  12. नगर में प्रति मण्डल 1 कॉलेज विद्यार्थी मिलन / शाखा (2 मंडल-2 मिलन / शाखा)।
  13. मासिक नगर एकत्रीकरण।
  14. वार्षिक जिला एकत्रीकरण।
  15. शाखाश: निवासी वर्ग वर्ष में न्यूनतम 2 व नगरश: निवासी वर्ग न्यूनतम 4।
  16. संस्थानों में कार्य।
  17. छात्रावासों में कार्य।
  18. PG CLUSTER क्षेत्रों में कार्य।
  19. Coaching centre में कार्य ।

20. मासिक बैठक।

  • जिला विद्यार्थी टोली।
  • जिला घोष तंत्र।
  • जिला महाविद्यालयीन तंत्र। 
  • मंडल / नगर विद्यार्थी श्रेणी बैठक।
  • जिला अनुभूति टोली ।

21. गोष्टी संख्या - विभिन्न स्तरों पर 

  • 10वी के विद्यार्थी।
  • 12वी के विद्यार्थी।
  • CUET एग्जाम के लिए।
  • ग्रेजुएशन के बाद।
  • स्वामी विवेकानंद जयंती ।
  • सुभाष चन्द्र बोस जयंती।
  • अखंड भारत संकल्प दिवस ।

जिला घोष शिक्षण करणीय कार्य

  1. ध्वजारोपणम्वादन शाखा - अधिक शाखाओ पर प्रयास।
  2. ध्वजावतरण मंत्र - सभी संवयसेवको मंत्र याद करवाना।
  3. संचलन (घोष) - गुणवत्ता पर ध्यान व नगर सह संचलन।
  4. घोष वादक - अधिक वादको की वृद्धि और अभ्यास की योजना।
  5. शाखा वार्षिकोत्सव घोष प्रदर्शन - घोष का प्रदर्शन।
  6. नगर घोष केन्द्र - सभी में सक्रिय से चले।
  7. शाखा घोष प्रमुख - सभी शाखाओं पर घोष प्रमुख तय कराने की योजना व बैठक।
  8. सभी प्रवासी घोष वादक - ( आग्रह ) की सभी प्रवासी घोष वादक बनें।
  9. प्रगत रचनाओ पर ध्यान प्रगत वादकों की अलग से अभ्यास कराने की योजना।

जिला अनुभूति करणीय कार्य

  1. सेवा स्थान कार्यप्रकल्प एनजीओ आदि की मैपिंग करना।
  2. कॉलेज विद्यार्थी शाखाओ को सेवा बस्ती के साथ मैपिंग करना।
  3. 4 महीने में सभी मंडलों के अनुसार कार्यकर्ताओ के साथ अनुबउटी की रोटेशन।
  4. कॉलेज विद्यार्थी को सेवा कार्य से जोड़ना।
  5. दीपावली के अवसर पर कॉलेज विद्यार्थी शाखा न्यूनतम 200 घरों में अनुभूति की योजना करेगी ।
  6. NSS, YUVA, सेवा कार्य कर रहे  कॉलेज विद्यार्थी आदि के साथ मिलकर अनुभूति बढ़ा।

जिला बाल करणीय कार्य

  1. जिले पर मासिक बैठक।
  2. शाखा विहीन बस्ती में कार्य प्राम्भ करना ।
  3. शाखा पालको को तय करना और उनकी बैठक ।
  4. तीन मास में नगर पर कार्यक्रम तय करना जिससे नये विद्यार्थी सम्पर्क में आये ।
  5. मेंधावी छात्रों की सूची का कार्यक्रम व अन्य योजना ।
  6. विद्यालय व कोचिंग सेंटर से सम्पर्क। 
  7. Each One Teach One की योजना का अच्छे से नियोजन करना ।

व्यवसायी श्रेणी करणीय कार्य

  1. सभी आयमो की टोली निर्माण।
  2. टोली बैठको का क्रम।
  3. आयाम आधारित कार्यसंचालन हेतु  टोली प्रशिक्षण ।
  4. व्यवसायी शाखाओं पर परिवार शाखा क्रियान्वन ।
  5. संघ प्रशिक्षण हेतु  कार्यकर्ता तैयार करना।

कार्य विभाग 

शारीरिक शिक्षण करणीय कार्य

  1. शिक्षकों का जिला स्तर पर अभ्यास वर्ग।
  2. प्रत्येक शाखा पर शाखा किट व उसका क्रियांवन।
  3. प्रत्येक मुख्य शिक्षक के पास सिटी व इसका नगरक्ष अभ्यास ।
  4. युवा कार्यकर्त्ता विकास सूची का ऑपचारिक अभ्यास वर्ग का वार्षिक Syllabus तैयार ।
  5. नियमित मासिक बैठक 3 मंगलवार।
  6. नगरों पर साप्ताहिक अभ्यास वर्ग।

बौद्धिक शिक्षण करणीय कार्य

  1. जिज्ञासा समाधान (जिला स्तर पर ) प्रवासी कार्यकर्ताओ के लिए।
  2. सुंदर प्रार्थना लेखन प्रतियोगिता विद्यार्थी शाखाओ के लिए।
  3. तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक गोष्ठी जिला स्तर पर।
  4. प्रार्थना अभ्यास पखवाड़ा (इस निमित प्रार्थना कार्यशाला की योजना समय पूर्व बनेगी )।
  5. बौद्धिक माला नगर स्तर पर।
  6. जिला स्तर पर मासिक गीत अभ्यास।
  7. जनवरी से मार्च माह में शाखा स्तर पर शाखा पुस्तिका निर्माण।
  8. वर्ष में दो बार बड़ी कहानी कार्यशाला।
  9. वर्ष में दो बार समाचार समीक्षा।

व्यवस्था शिक्षण करणीय कार्य

  1. मासिक जिला व्यवस्था टोली बैठक।
  2. मासिक कार्यालय टोली बैठक।
  3. द्वि मासिक नगरश: व्यवस्था कौशल प्रशिक्षण।
  4. वर्ष में 3 बार व्यवस्था शिक्षण अभ्यास वर्ग नगर स्तर पर ।
  5. प्राथमिक वर्ग हेतु  वर्ष में 2 बार चयनित कार्यकर्ताओ का प्रशिक्षण।

सेवा कार्य विभाग करणीय कार्य

  1. जिले पर मासिक बैठक।
  2. जिला सेवा टोली सक्रिय करना।
  3. नगर सेवा प्रमुख द्वारा तय सेवा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना ।
  4. तय सेवा बस्ती को शाखा से जोड़ना।
  5. जिले पर प्रशिक्षण वर्ग।
  6. नगर पर प्रशिक्षण वर्ग।
  7. जिले में रहने वाले सेवाभावी लोगों को जोड़ना।
  8. सेवाभावी संस्थानों को जोड़ना।
  9. सेवाभावी लौगो ओर संस्थानो का सम्मेंलन।
  10. सेवा बस्ती सेवा कार्ययुक्त हो।
  11. शाखाओं को सेवा कार्य के दर्शन कराना।

प्रचार कार्य विभाग करणीय कार्य

  1. प्रचार टोली का आयाम अनुसार निर्माण।
  2. पेपर वितरण केंद्र पर मिलन व वितरकों को साथ जोड़ना ।
  3. युट्यूबर व जनेरलिस्ट से सम्पर्क।
  4. पांचजन्य पाठक से सम्बंधित सर्वे करना - त्रिमासिक ।
  5. वर्ष में 2 बार गोष्टि।
  6. सोशल मीडिया व Content Generation आदि के प्रशिक्षण शिविर लगाना ।
  7. Stand Up Comedian Centre में सम्पर्क व व्यक्तिगत सम्पर्क ।
  8. कार्यकर्ताओ के साथ पुस्तक विमोचन का अनुभव लेने जाना।
  9. पत्रकारिता रुचि रखने वाले विद्यार्थियों का सेमिनार।
  10. Content Generation न्यूनतम 6 विषयो पर।
  11. नगरश Page बनाना सामाजिक नाम रखकर समाज को अधिक संख्या जोड़ना ।
  12. सम्पर्क हेतु  सूची व अभियान।
  13. संवाद केंद्र की जानकारी शाखाओं तक पहुंचाना।

संपर्क कार्य विभाग करणीय कार्य

  1. जिले पर मासिक बैठक।
  2. टोली सक्रिय करना।
  3. नए संपर्क करने की एक कार्यशाला नगर स्तर पर श्रेणी अनुसार ।
  4. जिले पर वर्ष में 3 गोष्ठी।
  5. श्रेणिश: संघ परिचय वर्ग।
  6. जिले की हर वर्ग विशेष व स्थान विशेष के अनुसार सूची निर्माण।

आयाम

प्राध्यापक मिलन करणीय कार्य

1. जिले पर करणीय कार्य

  • प्राध्यापको की सूची निर्माण करना।
  • प्राध्यापको का वर्गीकरण (नगर/जिला के आधार पर) ।
  • बैठक का आयोजन (बैठक की frequency तय करना) ।
  • प्राध्यापक मिलन का कार्य शुरू करना।
  • मिलन प्रमुख तय करना।

2. गुणवत्ता बढ़ाने के करणीय कार्य

  • वैचारिक विमर्श।
  • प्राध्यापको को सेवा कार्य से जोड़ना ।
  • संघ शिक्षण।
  • नए प्रयोगों के लिए प्रोत्साहन।
  • अपना विकल्प तैयार करना।

3. नैमित्तिक करणीय कार्य

  • सहभोज का क्रम तय कर सकते हैं ।
  • वार्षिकोत्सव।
  • गुरु दक्षिणा उत्सव की जानकारी एवम तैयारी।
  • पंचांग क्रियान्वन।

YP कार्य करणीय कार्य

  1. जिले पर मासिक बैठक।
  2. बस्ती अनुसार सूची निर्माण।
  3. मिलन का मंदिरो के साथ जुड़ाव जैसे हनुमान चालीसा, स्वच्छत्त, भंडारा आदि।
  4. नगर व जिला स्तर पर अपना विकल्प तैयार करना।

जॉइन RSS करणीय कार्य

  1. हर तीन महीने में एक बार संघ परिचय वर्ग ।
  2. न्यू ज्वाइन आरएसएस की सम्पूर्ण सूची से एक सतह में सम्पर्क करना ।
  3. 48 घंटे के अन्दर न्यू Joinee से बात करना।
  4. एक सतह में न्यू Joinee से मिलने की योजना बनाना ।
  5. सह नगर कारवाह व नगर कारवाह के सहयोग से Join RSS की टोली का निर्माण ।
  6. संघ परिचय के बाद Handover करना ।
  7. नगर अनुसार हर रविवार प्रवास की योजना।
  8. कैनोपी स्टाल लगाकर कुछ स्थानों से नई संख्या जोड़ना।
  9. नगर स्तर पर समुत्कर्ष App एप्प का प्रशिक्षण देना।
  10. PG Cluster Area की लाइब्रेरी, कैफ़ेटेरिया, PG, Mess आदि स्थानों पर QR Scanner Code for Join RSS लगाना।
  11. Sports Complex, बड़े पार्क, कैफ़ेटरिया, शॉपिंग Complex पर JRSS स्टाल या सम्पर्क।

बाल संस्कार केंद्र करणीय कार्य

  1. टोली निर्माण
  2. सँभरात बस्ती व अपार्टमेंट में प्रत्येक नगर पर न्यूनतम 1 बाल संस्कार केंद्र प्रारंभ करना।
  3. Summer Camp दो दो नगरों की 1 योजना रखेंगे।
  4. तीन माह में जिले पर व मासिक केंद्र अनुसार बैठक की योजना।
  5. पूरे जिले में 3 महीने में प्रवास की योजना।
  6. प्राइवेट स्कूल में संपर्क।
  7. बाल साहित्य के पुस्तकालय की स्थापना की योजना।

श्रमिक कार्य करणीय कार्य

  1. 5 कार्यकर्ताओ की टोली निर्माण।
  2. ई रिक्शा, नाई, भवन निर्माण मजदूर, मोची श्रेणी में अलग अलग मिलन की योजना ।
  3. नाई व ई रिक्शा चालकों में सर्वेक्षण करना।

सामाजिक सद्भाव करणीय कार्य

  1. जातिश: प्रमुखों की सूची व आगे प्रत्येक जातिश: विस्तृत सूची ।
  2. जाति प्रमुखों की गोष्ठियों का जिले पर त्रिमासिक आयोजन ।
  3. धार्मिक स्थानों की सूची निर्माण व संपर्क।
  4. सर्वसमाज का वार्षिक 1 कार्यक्रम आयोजन।
  5. तुलसी पोधा घर घर वितरण योजना दिसम्बर में।

कार्यालय करणीय कार्य

  1. प्रत्येक सामग्री की सूची निर्माण।
  2. आनेजाने वाले बंधुओ के लिए रजिस्टर।
  3. कार्यालय व्यय व सूची आदि प्रकारों की सूची के लिए रजिस्टर।
  4. कार्यों के आधार पर टोली निर्माण।
  5. मासिक जिला पर बैठक।

GATED LOCALITY करणीय कार्य

  1. Gated Locality में संघ का साक्षात्कार करना।
  2. Locality की सूची बनाना व संपर्क।
  3. प्रति लोकैलिटी वही से स्थानीय एक को प्रमुख तय करना।
  4. समय समय पर लोकैलिटी में गतिविधियों के अभियान से समाज जागरण करना व सबको सहभागी बनाना।
  5. संपर्क व संख्या अनुसार लोकैलिटी का साप्ताहिक मिलन प्रारंभ करना।
  6. विद्यार्थियों हेतु  बाल संस्कार केंद्र के माध्यम से जुड़ाव।
  7. नव दम्पत्तियों क साथ परिवार प्रबोधन गतिविधि के अनुसार संपर्क।

गतिविधि

सामाजिक समरसता करणीय कार्य

  1. कार्यप्रमुखों की पाक्षिक बैठक।
  2. जिला टोली सभी आयामों की मासिक बैठक।
  3. सभी कार्य विभाजन वाले आयामों की अपनी मासिक बैठक।
  4. मई माह के अंत तक 4 आयामों की टोली बनाकर उनका प्रशिक्षण करवाना ।
  5. शेष 2 आयामों की टोली अगस्त माह तक बनाकर उनका प्रशिक्षण करवाना।
  6. दिसंबर माह तक सभी अपेक्षित सूची व नेतृत्व प्रमुखों से संपर्क कर विस्तृत आलेखन।
  7. जनवरी-फरवरी-मार्च तक तीन आयामों की बड़ी गोष्ठियां जन जागरण के अंतर्गत रहेगे ।
  8. 18 फरवरी से 24 फरवरी को रहने वाले समरसता सप्ताह में संत रविदास जी के साथ-साथ अन्य ऐसे महापुरुष जिनको एक वर्ग विशेष का मान लिया गया है उनके विषय में व्याख्यान माला एवं व्यक्तित्व चर्चा कार्यक्रम।
  9. शेष 7 आयामो हेतु  कार्यकर्ता खड़े करना।
  10. निर्मित टोलियां के साथ अपने अपने कार्यों के दृढ़ीकरण करना व विस्तार पर कार्य करना।
  11. अपेक्षित उद्देश्यों की पूर्ति का विश्लेषण करते हुए कार्य की पूर्णता की ओर बढ़ना।
  12. जून व जुलाई में दसवीं कक्षा से ऊपर व कॉलेज विद्यार्थियों के दो बड़े सम्मेंलन रखेंगे। 
  13. चार आयामों की बडी गोष्ठियां निश्चित रहेगी।
  14. प्रवास कार्य से संबंधित आयामों की टोली के निर्माण के निमित्त रहेगा।

पर्यावरण करणीय कार्य

  1. सभी नगरों पर पर्यावरण संरक्षण योजना व टोली निर्माण।
  2. मासिक जिला स्तर पर बैठक।
  3. त्रिमासिक गोष्ठियों का आयोजन।
  4. निम्नलिखित अभियानों की योजना रहे गी।
  5. लास्टक फ्री बस्ती।
  6. जल संरक्षण अभियान शाखा।
  7. पेड़ लगाना- चार मास में एक बार।
  8. पर्यावरण गतिविधि के सभी आयाम आधारित प्रशिक्षण बैठक ।
  9. हरित घर की संख्या न्यूनतम प्रत्येक नगर में 10 + करना ।

गौ सेवा करणीय कार्य

  1. जिले पर मासिक बैठक।
  2. नगरश : बस्ती चयन जहां पर गाय की पहली रोटी निकालने का संस्कार व गौ सेवा मेंदान व गौशाला में जाकर सेवा करने के उपक्रम विकसित हो सके।
  3. गौ उत्पादों की जानकारी शाखा स्तर तक बढ़ाने का प्रयत्न।
  4. प्रत्येक नगर का वर्ष में एक बार गौशाला में वनविहार कार्यक्रम की योजना।
  5. जिले में गौ भक्तों की सूची बनाकर उनके साथ टोली निर्माण।

धर्म जागरण करणीय कार्य

  1. प्रत्येक नगर पर तंत्र पूर्ण करना ।
  2. जिला पर मासिक बैठक।

परिवार प्रबोधन करणीय कार्य

  1. वरिष्ठ नागरिकों की संस्थाओं से संपर्क करना।
  2. जिलेपर युवा दम्पतियों का त्रिमासिक मिलन ।
  3. सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक, व्यक्तिगत व स्वयंसेवी संस्थाएं NGO, RWA आदि के साथ फैमिली काउंसलिंग में सहयोगी बनना ।
  4. साप्ताहिक गृहसभा/मंगल संवाद करने वाले परिवारों की संख्या प्रत्येक नगर न्यूनतम प्रतिवर्ष १० से ज्यादा बढ़ाना ।
  5. टोली निर्माण करना व टोली में आयामानुसार कार्य विभाजन करना ।
  6. मासिक टोली बैठक - अंतिम रविवार।


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