क्या आपने कभी सोचा है कि रसोई के बर्तन आपकी सेहत को बना भी सकते हैं और बिगाड़ भी?
हम क्या खाते हैं इसका असर सेहत पर जरूर पड़ता है, जब भी खाना बनाने की बात आती है तो हम सब्जियों को अच्छे से साफ करते हैं और बर्तनों की सफाई का ध्यान रखते हैं। हमारा पूरा ध्यान इस पर होता है कि हम क्या खा रहे हैं। पर क्या आप जानते हैं कि आप किस धातु के बर्तन में खाना बना रहे हैं, किस तरह के बर्तन में खाना खा रहे हैं, इसका भी असर सेहत और स्वभाव दोनों पर देखने को मिलता है। ऐसा आयुर्वेद कहता है। किस धातु में हम खाना खा रहे हैं, उसका हमारी सेहत पर खास असर होता है। ऐसे कई धातु हैं जिनमें खाना बनाने से ना सिर्फ इनके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं बल्कि ये शरीर के लिए जहरीले भी हो जाते हैं। सोना, चांदी, स्टील, मिट्टी किस तरह के बर्तन में खाना खाने से सेहत और स्वभाव पर कैसा असर होता है। आइए जानते हैं, कौन से बर्तन क्या फायदे और क्या नुकसान देते हैं :-
1. सोना (Gold) : पुराने जमाने में राजा-महाराजा सोने के बर्तन में खाते थे।
लाभ : आयुर्वेद के मुताबिक सोना एक गर्म धातु है।
- शरीर के अंदरूनी और बाहरी दोनों हिस्से मजबूत, बलवान, ताकतवर बनते हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- सोने के बर्तन में भोजन करना आंखों के लिए फायदेमंद है, यह आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
2. चांदी (Silver) : बच्चों के लिए सबसे शुभ!
लाभ : चांदी एक ठंडी धातु है।
- मन शांत और मज़बूत
- दिमाग तेज होता है।
- रक्त प्रवाह संतुलित
- बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है (अन्नप्राशन में महत्व)
- इसके अलावा पित्त दोष, कफ और वायु दोष को काबू में करता है।
3. कांसा (Bronze) : आयुर्वेद का प्रिय धातु
लाभ:
- खाने में केवल 3% पोषक तत्व नष्ट
- दिमाग तेज और रक्त शुद्ध होता है
- रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है
- भूख भी बढ़ती है।
- लेकिन एक बात का ध्यान रखें, खट्टी चीजें इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती हैं, जो नुकसान देती हैं।
4. तांबा (Copper) : पानी रखने का प्राचीन तरीका
लाभ:
- पानी विषरहित और रोगनाशक बनता है
- लीवर और पेट की समस्याओं में राहत
- जठराग्नि शांत रहती है
- खून साफ होता है, याददाश्त बढ़ती है, लिवर की परेशानी दूर होती है।
- बॉडी को डिटॉक्स करता है, जो कि अपने आप ही मोटापा कम करने में मददगार है।
- लेकिन तांबे के बर्तन में भूल से भी दूध नहीं पीना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक ऐसा करने से शरीर को नुकसान होता है।
- तांबे को तेज तापमान पर गर्म करने से बचना चाहिए। हाई हीट पर तांबे के बर्तन में नमक और एसिड मिलने से कई तरह के केमिकल बनने लगते हैं। अगर तांबे के बर्तन को ठीक से नहीं रखा गया है तो यह खाने को जहरीला बना सकता है।
5. पीतल (Brass) : आयुर्वेदिक भोजन का साथी
लाभ:
- कृत्रिम रोग, कफ और वात दोष दूर
- सिर्फ 7% पोषक तत्व नष्ट
- पीतल के बर्तन में तेज तापमान पर नमक और एसिड वाले फूड्स के साथ रिएक्ट करते हैं, इसलिए पीतल में खाना पकाने से बचना चाहिए।
- तलने या चावल बनाने के लिए इस बर्तन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. लोहा (Iron) : लोहे की कढ़ाई का कमाल
लाभ:
- शरीर में आयरन और फोलिक एसिड बढ़ाता है
- खून की कमी दूर करता है
- शक्ति और सहनशक्ति शक्ति बढ़ती है।
- यह शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग और पीलिया को भी दूर रखता है।
7. स्टील (Steel) : आधुनिक रसोई का सबसे कॉमन धातु
लाभ:
- नुकसान नहीं करता
- गर्म या ठंडा होने पर रिएक्ट नहीं करता
- आयुर्वेदिक दृष्टि से फायदे कम
8. एल्युमिनियम (Aluminium) : सबसे ज़्यादा नुकसानदायक!
नुकसान:
- दिमाग, किडनी, लीवर को नुकसान पहुंचता है।
- डायबिटीज, कैंसर तक का खतरा
- बोक्साइट और कीटनाशकों का जहर
- हड्डियां कमजोर होती हैं
- किडनी फेल होना, टीबी, अस्थमा, दमा, वात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
- एल्युमीनियम एसिड वाले फूड आइटम्स जैसे टमाटर और सिरका के साथ प्रतिक्रिया करता है। धातु का ये रिएक्शन खाने को विषाक्त बना सकता है।
- एल्युमिनियम एक भारी धातु है जो धीरे-धीरे आपके खाने में प्रवेश कर जाती है।
9. मिट्टी (Clay) : प्रकृति का सबसे शुद्ध बर्तन
लाभ:
- 100% पोषक तत्व सुरक्षित
- कोई साइड इफेक्ट नहीं
- मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे न्यूट्रिशन मिलते हैं, जो कई बीमारियों को दूर रखते हैं।
- दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स के लिए मिट्टी के बर्तन बेस्ट हैं।
10. प्लास्टिक (Plastic) : खतरनाक
- कभी भी गर्म खाना/पानी प्लास्टिक में न रखें
- ऑफिस लंच में गर्म पराठा/सब्जी न डालें
11. नॉन-स्टिक (Non-stick) : छुपा खतरा
- ऑयल कम लगता है, लेकिन कोटिंग शरीर में जाकर गंभीर बीमारियां ला सकती है
- कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के साथ ही लंग डैमेज का भी खतरा होता है।
- टेफ्लॉन कोटिंग जिसे पॉलीटेट्राफ्लूरो एथिलीन कहा जाता है। यह एक जहरीला पदार्थ है।
आयुर्वेद की सलाह :
- भोजन को धीमी आंच पर, खुले ढक्कन में पकाएं ताकि सूर्य, वायु और पृथ्वी का स्पर्श भोजन में आ सके।
- धीरे-धीरे पका खाना = हर रोग का इलाज
- डॉक्टर भी मानते हैं, लेकिन हेल्थ बिज़नेस के कारण खुलकर नहीं बताते
- मिट्टी के बर्तन में बना खाना = हेल्दी, प्राकृतिक और रोग-मुक्त जीवन!
- कुछ सौ रुपये के मिट्टी, कांसे, तांबे के बर्तन खरीदें और लाखों के हॉस्पिटल बिल से बचें।
- प्राकृतिक जीवन = सतत स्वास्थ्य + रोग-मुक्त जीवन
