भारतीय संस्कृति के तत्व एवं तथ्य
इस पोस्ट में हम वह जानकारिय दे रहे है जो एक भारतीय होने के नाते हम सभी को पता हो और अपने बछो को भी सिखाये-
वासरा:(दिन): – 7
1. आदित्य, रवि, भानु
2. सोम, इन्दु
3. मंगल, भौम्य
4. बुध, सौम्य
5. गुरु, बृहस्पति
6. शुक्र, भार्गव
7. शनि, स्थिर, मन्द
तिथय: 15
प्रथम, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा या अमावस्या।
पक्षा: दो
शुक्लपक्ष: प्रथमा से पूर्णिमा तक,
कृष्ण पक्ष: प्रथमा से अमावस्या तक
चन्द्र मासा:(महीने):- 12
क्रम माह देशज नाम
1 चैत्र चैत
2 वैशाख बैसाख
3 ज्येष्ठ जेठ / हाड़
4 आषाढ़ असाढ़
5 श्रावण सावन
6 भाद्रपद भादों
7 आश्विन आसिन / कुवार
8 कार्तिक कार्तिक
9 मार्गशीर्ष अग्रहायण / अगहन
10 पौष पूस
11 माघ माघ
12 फाल्गुन फागुन
सौर मासा: (राशियाँ): – 12
मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनुष्, मकर, कुम्भ और मीन।
ऋतूनि(मौसम) – 6
चैत्र वैशाख मासयो: – वसन्त ऋतुः
ज्येष्ठ आषाढ़ मासयों: – ग्रीष्म ऋतु:
श्रावण भाद्रपद मासयो: – वर्षा ऋतु:
आश्विन कार्तिक मासयो: – शरद ऋतु:
मार्गशीर्ष पौष मासयो: – हेमन्त ऋतुः
माघ फाल्गुन मासयो: – शिशिर ऋतु:
अयनानि(अर्धवार्षिक): – दो
उत्तरायण – मकर संक्रमण (14/1) से मिथुन पूर्ण (16/7)
दक्षिणायन – ककटिक संक्रमण (17/7) से धनु: पूर्ण (13/1)
दिक (दिशा):– 10
दिक दिक्पालक
पूर्व इन्द्र
आग्नेय अग्नि
दक्षिण यम
नैऋत्य नित्रकृति
पश्चिम वरुण
वायव्य वायु
उत्तर कुबेर
ईशान्य ईशान
ऊध्र्व (आकाश)
अध: (पाताल)
ग्रहा(राशियों को प्रभावित करने वाले):
सूर्य, चन्द्र, अंगारक (कुज, मंगल) बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
नक्षत्रा: 27
मखा, पूर्वा, उत्तरा, हस्ता, चित्ता, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूला, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रा, उत्तरभाद्रा और रेवती
संवत्सराणि – 60
प्रभव, विभव, शुक्ल, प्रमोदूत, प्रजोत्पत्ति, आांगीरस, श्रीमुख, भाव, युव, धातु, ईश्वर, बहुधान्य, प्रमाधि, विक्रम, विषु, चित्रभानु, स्वभानु, तारण, पार्थिव, व्यय, सर्वजित्, सर्वधारि, विरोधि, विकृति, खर, नन्दन, विजय, जय, मन्मथ, दुर्मुखि, हेविलम्ब, विलम्ब, विकारि, शार्वरि, प्लव, शुभकृत्, शोभकृत्, क्रोधि, विश्वावसु, पराभव, प्लवङ्ग, कीलक, सौम्य, साधारण, विरोधकृत्, परीधावि, प्रमादि, आनन्द, राक्षस, नल, पिङ्गल, कालयुक्त, सिद्धार्थ, रौद्र, दुर्मति, दुदुभि, रुधिरोदारि, रक्ताक्षि, क्रोधन, क्षय
तीन ऋण -
देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण !
चार युग -
सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग !
चार धाम -
द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम धाम !
चार वेद-
ऋग्वेद, अथर्वेद, यजुर्वेद, सामवेद !
चार आश्रम -
ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, संन्यास !
चार अंतःकरण -
मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार !
चारपीठ -
शारदा पीठ (द्वारिका)
ज्योतिष पीठ (जोशीमठ बद्रिधाम)
गोवर्धन पीठ (जगन्नाथपुरी)
शृंगेरीपीठ !
पञ्च गव्य -
गाय का घी, दूध, दही, गोमूत्र, गोबर !
पञ्च देव -
गणेश, विष्णु, शिव, देवी, सूर्य !
पंच तत्त्व -
पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश !
छह दर्शन -
वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, पूर्व मिसांसा, दक्षिण मिसांसा !
सप्त ऋषि -
विश्वामित्र, जमदाग्नि, भरद्वाज, गौतम, अत्री, वशिष्ठ और कश्यप!
सप्त पुरी -
अयोध्या पुरी, मथुरा पुरी, माया पुरी (हरिद्वार), काशी, कांची (शिन कांची-विष्णु कांची), अवंतिका और
द्वारिका पुरी !
आठ योग -
यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समािध !
आठ लक्ष्मी -
आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, एवं योग लक्ष्मी !
आठ विवाह
ब्राह्म, दैव, आर्ष, प्राजापत् आसुर, गान्धर्व, राक्षस, पैशाच
नव दुर्गा -
शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री !
मुख्य 10 अवतार -
मत्स्य, कच्छप, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, श्री राम, कृष्ण, बुद्ध, एवं कल्कि !
बारह ज्योतिर्लिंग -
सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकाल, ओमकारेश्वर, बैजनाथ, रामेश्वरम, विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, केदारनाथ, घुष्नेश्वर, भीमाशंकर, नागेश्वर !
16 संस्कार
गर्भादान, पुंसवन, सीमंतोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चौल, कर्णवेध, विद्यारंभ, उपनयन, वेदारंभ, केशान्त, समावर्तन, विवाह, अंत्येष्टि
स्मृतियां -
मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातप, वशिष्ठ